आइगो बिरहिन बाड़ी पति उकर पर्देश राज़ने
अगहर में एकले चचना तारी
आगहर दरिये पना पति से फोन लगा के काम
कि बिरहाके तवापा
करेजिछे मकाजाता
कि बिरहाके तवापा
करेजिछे मकाजाता
हात के मेहनी हमारा लोहर से धुआजाता
बिरहाके तवापा
बिरहाके तवापा
बिरहाके तवापा
करेजिछे मकाजाता
हात के मेहनी हमारा लोहर से धुआजाता
आई हमारा मंटु बभोजी बलेराम बभोजी
पौन बभोजी आगे कहा तरिक्या
तुकुर तुकुर तकले
जाते बिते जगले चण जवनी मोर किया तु बड़ा पगले
अजनी चाचा, हरेंदर भैया,
पहादरी उरोच्छो चाचाँ के किये बोला मुआ तु तब अला बला
हमारा पर काबी जता हम जाना धने
पहादरी तुकुर तुकुर तकले
रात बिते जगले चण जवनी मोर किया
तु बड़ा पगले
पहादरी
द्वाजाता
अरे जीयबा,
अजनी चाचा के भुजपुरी में जोडा नहीं के बगुआ,
मननी हरेंदर भैया के बिदी
जुठा ही कहेला रानी
तरसि गयी लिवानी पर्देशी या पर्देश में काटिला चानी
मन्तु भैया, आदरी
जुठा ही कहेला रानी
तरसि गयी लिवानी
पर्देशी या पर्देश में
काटिला चानी
बिरहा के बिरह थो हरे, बिरहा के बिरह थो हरे
सेजिया मुआ जाता,
बिरहा के बिरह थो हरे
सेजिया मुा जाता,
हात के मेधी हमारा लोहरे से धोजाता
हातके मेधी तो लोहरे
से दोजाता,
खातके मेधी तो लोहरे से दोजाता,
हमारा लोहर से दुआ जाता