नेना बन सावन बरसे मेरा तन मन तुझ बिन तरसेहम हसना भी तो भूल गए दिल तुट जाने के डर सेदिल जो कभी खुस नसीब सा था रिस्ता वो अजीब सा थातेरे साथ जिन्दगी थी खुदा के करीब सा थाआज हार गया तेरा गम मार गयाखुशियां गुम सी गई जब से तु यार गयापनों में किताबों के में फूल रखा करता थातुझे देखता रहता था कहने से डरता थाआज सोच के बाते मन बरस पड़ादिल पूछे ये मुझे से क्यों दिल दार गयाआज हार गया तेरा गम मार गयाखुशियां गुम सी गई जब से तु यार गयातुना छोड़ जाए मुझे को दूआ करता रहता थातु चली गई फिर भी दिल से ये कहता थातेरे आने से जिन्देगी थी जाने पे खतमतेरे आने से जिन्देगी थी जाने पे खतमजाने से सारा संसार गयाआज हार गया तेरा गम मार गयाखुसियां गुम्सी गई जब से तू यार गयायार गया