लूट लिया
छूट में पले लोगों ने
जात पात मज़हब में बन करके
खुट गई सास उम्हीद मौन पर जात पात मज़हब में बन करके
खुट गई सास उम्हीद मौन के घाट उतरी
जुल्म किया किसमत के धनी
लोगों ने जुल्म किया
किसमत के धनी लोगों ने भूप लिया
रब ने दिया था घर ये हमें तुम मालिक बन बैठे
रब ने दिया था
रिज्क हमें तुम राजिक बन बैठे
ओदा था खादिम तुमको तुम हाकिन बन बैठे
भरबाद किया
रुत्वे में बड़े लोगों ने
उच नीच के बीच दफन करके
उच नीच के बीच दफन करके
मर गई आस अब सोच भी सूली पे चड़ी
मेरी सोच भी सूली पे चड़ी
घजब किया जहर से फरे लोगों ने
घजब किया
जहर से फरे लोगों ने
तक्रीरें कीं तुमने उमीदें दीं तुमने
कुरसी पे
बैठते ही तुम सब कुछ फूल गये
खस्मे खाईं
तुमने
वादे कीं तुमने
ताकत मिलते ही तुम फिर्वान बन गये
अग गहल तुसमऽनपत कई ही
सथर मे थे, तुम गहल
धειयाया विळैखेंग...
भुतकार दिया
मेहलों में पड़े
लोगों ने
रीत में घुम करके
रस्म, रिवाज और रीत में घुम करके
तोट गई खाँ
अब सुभव होने को आई
अब किया
बत्तर के
बदे लोगों ने
लूट लिया
जूत बेपले लोगों ने लूट लिया
लूट लिया,
लूट लिया