काम की धुन में है रवा, मस्त मगन हसी जवा,यारा हजार लड़किया,आती हैं दफ्तरों में ये, फसले बहार की तरा,पड़ती हैं खुश्क पाइले, नामाय यार की तरा,नाच रही हैं उंगलियां, बोल रही हैं चूड़ा,यारा हजार लड़किया,यारा हजार लड़किया,यारा हजार लड़किया,यारा हजार लड़किया,यारा हजार लड़किया,अपने चमन का रंगवू, कौम की अपने आबरू, देश के दिल की आरजू, सारे जहां में सुर्फ रूअपने घरों की रानियां, अपने वतन की पासवां, यारा हजार लड़कियां