मैं जिसके दम से सांसे लूँ तुम वो हवा बन जाओ न
कुछ ऐसे बस जाओ मुझ में जीने की वजा बन जाओ न
मेरी तुम से ये गजारिश हैं
वो खाब जो मैंने देखा है
वो खाब ज़रा तुम भी बंलो
जो तुम से न कह पाऊं मैं
वो बात कहे बिन ही सुनलो
मैं तनहा बिखरा बिखरा हूँ
तुम आखे ज़रा मुझ को चुनलो
हूँ तुम बिन लंबी रात समय
तो मेरी सुभा बन जाओ न
कुछ ऐसे बस जाओ मुझ में जीने की वजा बन जाओ न
तुम दूर न जाओ नजरों से हर पल इस दिल के पास रहो
ज़र खुद में तुमें महसूस करूं यू बन के मेरा एहसास रहो
रहती है जिसम में रूजजे से तुम ऐसे मुझ को रास रहो
मैं इश्क तुमारा बन जाओ तो मेरी वफा बन जाओ न
कुछ ऐसे बस जाओ मुझ में जीने की वजा बन जाओ न
मेरी तुम से ये गजारिश है
मेरी तुम से ये गजारिश है