Nhạc sĩ: Mahesh Baisoya
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बाबा के प्यारे प्यारे भक्तों भजन का वाक्या हैनौ लक्खे बागों में गुरु बोरकनाथ ने अपनी साधु जमाप के साथ आकर के डेरा डाल दियामहलों में खबर पहुँची तो माता बाचल बोरकनाथ की सेवा में आजिर हो गईगुरु बोरकनाथ में वरदान दिया कि सुभे बेटे आना और अपना वरदान ले जाना पुत्रवती होने का वरदान मैं तुम्हें दूँगालेकिन उसकी बहन हमसकल काचल उससे पहले आकर के गुरु बोरकनाथ से वो वर छल से ले गईमा बाचल जब बागों में आई तो वहां से देरा उपड़ जुका था रोती बिलक्ती गुरु बोरकनाथ का पीछा करने लगीऔर बीच राते में जाके गुरु बोरकनाथ के चरण पगड़ लिये और वो दुख्यारी इस तरह से गुरु बोरकनाथ से भयाग करती हैमा बाचल जब बागों में आई तो वहां से देरा उपड़ जुका था रोती बिलक्ती गुरु बोरकनाथ का पीछा करने लगीमैं निर्भागन छोड़ दाई कित तो हूँ कूआ जेराचरण पकड़के बेठे गई गुरु यार करो कुछ मेरामैं निर्भागन छोड़ दाई कित तो हूँ कूआ जेराचरण पकड़के बेठे गईगुरु यार करो कुछ मेराचरण पकड़के बेठे गई गुरु यार करो कुछ मेराचरण पकड़के बेठे गुरु यार करो कुछ मेराहटा लई सर से छाया घन भोर परिक्षा लेराचरण पकड़के बेठे गई गुरु यार करो कुछ मेरामैं निर्भागन छोड़ दाई कित तो हूँ कूआ जेराचरण पकड़के बेठे गई गुरु यार करो कुछ मेराअजय को अजय कोरहना बाझे बड़ा दुख दाई दुनिया हसी उडावेरहना बाझे बड़ा दुख दाई दुनिया हसी उडावेइस दुख से मन पहार काडे तेरी उची कला बतावेमेरा सोता भाग जगावे के घट जावेगा तेराजरन पकड़ के बेट गई दुरू ध्यान करो कुछ मेरामैं दिर भागन छोड़ दाई कित तो हूँ कुँ आजेराजरन पकड़ के बेट गई दुरू ध्यान करो कुछ मेराजरन पकड़ के बेट गई दुरू ध्यान करो कुछ मेराजरन पकड़ के बेट गई दूरू ध्यान करो कुछ मेराजरन पकड़ के बेट गई दूरू ध्यान करो कुछ मेरामैं निर भागन छोड़ दाई कित तो हूँ कुँ आजेराजरन पकड़ के बेट गई दूरू ध्यान करो कुछ मेराजरन पकड़ के बेट गई दूरू ध्यान करो कुछ मेराजरन पकड़ के बेट गई दूरू ध्यान करो कुछ मेरापूरा करो इरादा जीसे तुमको तेराचरण पकड़ के बेठी गई दुरू चाल करो कुछ मेरामैं निरभागन छोड़ दई कित टोहू कुछ आधेराचरण पकड़ के बेठी गई दुरू चाल करो कुछ मेराचरण पकड़ के बेठी गई दुरू चाल करो कुछ मेरा