तब बांदों गुरूपद कंजे, किरपा सुन्धुनर रूप हरी
हाहो महा मोह दम पुञ्जी जासु, बचन रवी करनी कड़ा
तगुरू के सुमेरन मातर से, नासत भिगे नयनन्त, हाहो ताते सर भिया रंभ में, धावत हैं सब संत
तगुरू के सुमेरन मातर से, नासत भिया रंभ में, धावत हैं सब संत
तगुरू के सुमेरन मातर से, नासत भिया रंभ में, धावत हैं सब संत
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