बोला बोला दुर्गा मैया के
मिर्जिक बाई रज्मी सिंग
तिनों लोग में भाड़ी लहाकारे
जब दुष्टन के बढ़ाल अत्यचारे
एक हाथे खोपड लेके दूजे हाथे कटरी आहो
तरे लगली असुरन के संहार
मुर्मयरी आहो
दूजे लागये
उजेला कल जग्मे जेजेकार मर्बयरि आहो
कर लग लिये असुबण के संहार मर्बयरि आहो
उजेला कल जग्मे जेजेकार मर्बयरि आहो
पोटना में पोटन देवी था में थावे वाली हो
दुर्जन पुर्गे काली नाई दी है तो कहाली हो
आरमें आयरन देवी था में थावे वाली हो
बखोरा पुर्गे काली नाई दी है तो कहाली हो
दईली जब रूप बिकराल सांधी कोईले महा कालो
दईली जब रूप बिकराल सांधी कोईले महा कालो
देवतो लो जान हावे फूल हार मुर्मय रियाँ
सुझे लागल जगने जैजेकार
मर मया ही आहूँ मर लग ली असुरन के संघार
मर मया ही आहूँ मुझे लागल जग में जैजे कार
मर मया ही आहूँ
स्वामी नगेंदर मांगस अतने बरदान हो
बेट वाशंदी पपरकिया असही माई ध्यान हो
स्वामी नगेंदर मांगस अतने बरदान हो
बेट वाशंदी पपरकिया असही माई ध्यान हो
कब लछनी कब काली कब साथी कुमाई आँवो
कब होली से रवे पर सावार मरमयारी आँवो
मुझे लागल जग में जे जेकार मरमयारी आँवो