बेच के निदरा चाल पड़े हम पोँचे तेरे दवारे
कैलाश पती है शिवसंभू तरे गूँज रहे जैकारे
छोर कोई भी हो धर्ति का तू ही विध्यामान है
ओ तरे विभूत चल का बाबा सकल जहान है
ओ
तरे
विभूत चल का बाबा सकल जहान है
डम डम डम रुब जारे कैलाश पती है शिवसंभू तरे गूँज रहे जैकारे
जैकारे
जैकारे
पार जुड़े इब तेरे तैये कतिये नहीं घबरारे
कैलाश पती है शिवसंभू तरे गूँज रहे जैकारे
शिवसंभू तरे गूँज रहे जैकारे
जैकारे
मारे चाथ धर्यास है तेरा रुकने का नाम नहीं सेख
साम्वन कट्टा हरी द्वार और कोई काम नहीं सेख
मारे चाथ धर्यास है तेरा रुकने का नाम नहीं सेख
सरमाजी के लिख दे बस सब कुछ तुम ही लिखारे
कैलाश पती है शिवसंभू तरे गूँज रहे जैकारे