गिचि गुम्सुम्रेदि आखि छिलादि सुण्यों मावितुई चै उड्यों माविरादि
गिचि गुम्सुम्रेदि आखि छिलादि सुण्यों मावितुई चै उड्यों माविरादि
उड्यों मावितुई चै उड्यों माविरादि
धन्हो भिधाता मैं कोधेना इना दिन्या, दोरि माझनि घण्डुनि मैं कोधेना निच्छिन्या।
जनुरंग रूप मैं मन का बिचीना, है या ममुरत भिधाता हर चूक बिना।
जनुरंग रूप मैं मन का बिचीना, है या ममुरत तुम्हारी।
हर चूक बिना।
प्रीत हमारी भी ना टुटने कभी ना, दोरि माझनि घण्डुनि मैं कोधेना निच्छिन्या।
भीची गुमसुम रैदि आकि छिलादि, सुण्यो माभितुई चै उड्यो माभिरादि।
धन हो बिधाता मैं कोधेना इनादिन्या। दोरि माझनि घण्डुनि मैं कोधेना निच्छिन्या।
सुण्यो माभितुई चै उड्यो माभिरादि। दोरि माझनि घण्डुनि मैं कोधेना निच्छिन्या।
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