शबाबु तेरा कयामत से कम्म।
नहीं जालिम। नजर जिधर भी पड़े कत्ल याम हो जाए।
तेरी नजर से किसी की नजर जो मिल जाए।
समझ लो मुफ्त में फिर उसका काम।
नजर जिधर भी पड़े कत्ल याम हो जाए।
ऐसा नशा है तुझ में जो नहीं शैराब में
देखे जो पथ्थर तुझको हो पानी पानी
देखे जो पथ्थर तुझको हो पानी पानी
ऐसी मखमूर है ये तेरी जवान
ऐसी कयाफत है कुछ ये तेरे शबाब में
ऐसा नशा है तुझ में जो नहीं शैराब में
चंपा चंबेली का हूँ या तुझको गुलाब में
ऐसा नशा है तुझ में जो नहीं शैराब में
जो नहीं शराम में ऐसा नशा है तुझ में जो नहीं शराम में
तेरी रंगत से जमके चानोर सितारे
तेरी रंगत से जमके चानोर सितारे
तेरी गुल्फों से निकले खुश्बू के धारे
खुश्बू के धारे
पेरी बातों के सब सुरु बजते हैं रवाब में ऐसा नशा है तुझ में जो नहीं शैराब में
ऐसा नशा है तुझ में जो नहीं शैराब में चम्पा चम्पेली कहूँ या तुझको खुदाब में
ऐसा नशा है तुझ में जो नहीं शैराब में
आँखो से तेरी चलके मदरा के प्याले
आँखो से तेरी चलके मदरा के प्याले
देखे जो मुझको कैसे दिल वो सबाले
चम्पा बी देखे तुझको आजाए हिजाब में
ऐसा नशा है तुझ में जो नहीं शैराब में
ऐसा नशा है तुझ में जो नहीं शैराब में
चम्पा चम्पेली कहूँ या तुझको गुलाब में
ऐसा नशा है तुझ में जो नहीं शैराब में
असा नशा है तुझ में जो नहीं शैराव में
असा नशा है तुझ में