बिल्लू भाती वो नाम से
ना कुछर की एठ जेली जागी
महरी एक बात तो साफ है रहे पने दम पे जोर दिखाते हैं
अरजिस्ते बेर हो जाओ घर के बहर नजर ना आते हैं
जो हम तैयारी कर लेते हैं फिर गुछर की आरी भागी
रह जब गुछर रॉल में आ गया ना कुछर की एठ जेली जागी
रह तेरे जैसे कभुतर की तो फ़ाण पे ही लेली जागी
गुछर रॉल में आ गया ना कुछर की एठ जेली जागी
रह तेरे जैसे कभुतर की तो फ़ाण पे ही लेली जागी
सैफ मिऊजिक
मैं उस बाप का बेटा जो ना दब्या किसी नवाब पे मेरी
मान यूँ बोले से मनने मैं काया आशू अपने बाप पे
हम राजा अपने सहर के राज भी महरा चलता है
राइ नाम की किलकारी गुझे यो सिस्टम सारा हलता है
हम फेमस हो रहे इतने आग महरे नाम की छेतर में लागी
रह जब गुछर रॉल में आ गया ना कुछर की एठ जेली जागी
रह तेरे जैसे कभुतर की तो फान पही लेली जागी
गुछर रॉल में आ गया ना कुछर की एठ जेली जागी
रह तेरे जैसे कभुतर की तो फान पही लेली जागी
यारों के खातर हम तोरे किसे ते भी लड़ जाँगे
तु गैल लिये खान दान हम छाती तान के अंचाँगे
गाटी की गाटी भरके आवें इतना क्या खिलायावें गाँ
पालक इतने कठे करदियूं तु गिनती ना करपावें गाँ
पैटट के सामना कर लियूं बात दो मारे भाईचारे पे आगी
बात दो मारे भाईचारे पे आगी
रह जब कुछर रॉल में आ गया ना कुछर की एठ जेली जागी
रह तेरे जैसे कभुतर की तो फ़ान पे ही लेली जागी
चल
कुछर रॉल में आ गया ना कुछर की एठ जेली जागी
रह तेरे जैसे कभुतर की तो फ़ान पे ही लेली जागी
रह कुछर वो पुफान है जो बिन मौसम के आता है
हम जहवी कदम रह धर दे वहाँ तर का माहाल छवता है
गया निंदर सरधना का गाना रह तुनिया के में च्छा जागा
जब गुछर रॉल में आ गया ना कुछर की एठ जेली जागी
रह तेरे जैसे कभुतर की तो फ़ान पे ही लेली जागी