काहे खान कावा तारोजूरी बार बारोसूते नई खेदे देत बाड़ोधनिया अमरोकाहे खान कावा तारोजूरी बार बारोसूते नई खेदे देत बाड़ोधनिया अमरोमांगे जबानी पानी डाल देता ज्जार मेंमांगे जबानी पानी डाल देता ज्जार मेंगुद गुदी होता कमर में बसल पड़वे चोर मजर मेंगुद गुदी होता कमर में बसल पड़वे चोर मजर मेंबुझाए रवात को समझवा ना करेरूज रूज डोज देब बाड़ू चार बार होजो करम तो हो रालाचाड़ हल बोखार होबात तानी समझालेला चुंगा छटको थला लियाकेबढ़ जाई ले नर जी या राजाजीनया पाटे पर आंडनी उफले बरकेरहबा पूरा महीना तारो ताजाजीबाधे के राखो तानो पल्लू से घार मेंबाधे के राखो तानो पल्लू से घार मेंगुद गुदी होता कमार मेंबसल बड़वे चौर मजर मेंबसल बड़वे चौर मेंबज्जता निरानी तोझ़ा नियत में खुट बागाचड़ल जवानी हाई ले राजाजीबड़वे याख रूट बाँबनल मूट बते राजाया जुदिनावेबढ़ जाये तादे हिया पसिनावेराजस्थर्म राज करबाया नकानेजेकरे लाग फिर हम हु मनमानेजेहो चैबु कूल डूपे कीमरेला नहार मेंहो चैबु कूल डूपे कीमरेला नहार मेंउदगूती होता कमर मेंबसल बड़वे चोड़ मजर मेंउदगूती होता कमर मेंबसल बड़वे चोड़ मजर मेंअच्छा इबादा