कोई जाकर
गोकुल में तो देखे
कोई जाकर गोकुल में तो देखे
हर चमन मूस्कुराते मिलेंगे
कोई जाकर गोकुल में तो देखे
हर चमन मूस्कुराते मिलेंगे
सावरोशाम यमुना किनारे वहाँ बनसी बजाते मिलेंगे
गौतुहतनंद बाबा मिलेंगे
माखन मक्ति यशोदा मिलेंगे
मुख में माखन लगाए कनहईया
गौल बालों के संग में मिलेंगे
जूला लगती कदंगे
जूलते होंगे कृष्ण कनहिया
कभी राधा जी जूला पे जूले
कभी कृष्ण जूला ते मिलेंगे
रास रचती है
कुछ गली में
फूल खिलते है हर एक कली में
राधा संग
राधा संग सावरो कनहिया
राधा संग प्यारे कनहिया
वहाँ रास रचते मिलेंगे
वहाँ रास रचते मिलेंगे
कोई जाकर गुखुल में तो देखे हर चमन मूस्कुराते मिलेंगे
सावरोशा
प्रोशाँ
यमूना किनारे
वहां बनसी बजाते मिलेंगे
मिलेंगे
वहां बनसी बजाते मिलेंगे
कोई जाकर गो कुलं में तो देखे
हर चमन मूस्कुराते मिलेंगे
मिलेंगे हर चमन मूस्कुराते
मिलेंगे
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