तिरा घुंगत था कैसर माना सीता छाती पे वार
रह ये माती पायल चांदी की खंड कांदी चल ऐसे
ओ तरी नारीय मतका पाणी का छल कांदी चल ऐसे
हाई सारी गाम की बुमान दिख फैल तरीया नारी करे
रह घुंगत था कैसर माना सीता छाती पे वार करे
नाक तिरे ख़ना बना उपर तैज तरीया गोका
तरीया ख़ना बना उपर तैज तरीया गोका
तरीया ख़ना बना उपर तैज तरीया गोका
तरीया ख़ना बना उपर तैज तरीया गोका
शिंगरी दोर के चल रगचला के ओले में
सुन खुसिया के ठाड़ा इसी नाब हुपाब है महुले में
शिंगरी दोर के चल रगचला के ओले में
तिरा गुंगट ठा के शरमाना सीता चाती पे वार करे