रे घूगट
डाल के में साल
रे खराब जमाना होया सेरे
बातने मेरी सुन
ओ छड़े छापडे ताक में रह में
दिल की बांद के दुन
रे शहद के लाडे भवरे तोरे
खूँ में चाओ वैसे दिल की नासू काची मेरे वहमन लावेसे
चाल ना तेरे सहरी जुमले भेजे में तू घाल रे घूगट डाल के में चाल
रे कदे भी अपने साजण की रे बात न टाला करते रे
जो एक बारी में कह दिया वो अमल में लाया करते रे
रे भगफुट गे मेरे तो रे तेरे गल्यां बहुत के नाई
चाल रे गूँगट डाल के में चाल गूँगट डाल के में चाल
मैं बल्हारी क्यों आगी तेरी मिठी मिठी
बाता मैं जो देख़न न तू आया था क्यों
खोगी तेरे आँख्यों मैं बात पतेगी बोलू मैं तू दिल पे अपने
ले जावे हाँ गैल वरुन पे फोन मिला के दुखडे रोने लग जावे
मैं बल्हारी क्यों आगी तेरी मिठी मिठी बाता मैं
जो देख़न न तू आया था क्यों खोगी तेरे आँख्यों मैं
गूंगट डाल के मैं चाल