Nhạc sĩ: SEEMA KAUSHIK
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अब जैसे ही उस राक्षसी को कहा,
उसने तुरंत उपर पहुँझ गई,
क्योंकि पहले के जमाने में
वायो मार्क से कहीं भी चले जाते थे,
ये लिफ्ट वगरा नहीं होती थी.
तो तुरंत वो पहुँझ गई,
और जा करके कहा,
कि हे यूवराणी,
कोई लंबा, चोडा,
हटा, कटा पुरुष आया है,
और वो तुमारे दर्शनों का अभिलाशी है,
आप
कहो तो मैं उसे उपर लेयाओं.
तो काम कंट कटा कहती है,
कि जाओ, अवश्य उसे उपर लेयाओं,
क्या पता मा कामाक्याने जो वर्दान दिया था,
वो सत्य हो जाए,
आज ये पुरुष मुझे निरोत्तर कर दे,
और मुझसे युद्ध में जीज़ जाए,
हो सकता है कि माने इसे मेरे लिए भेजा होगा,
तुम तुरंत जाओ,
और उसे ले करके आओ.
अब
ओते हैं न, द्वारपाल थोड़े बदमाश भी होते हैं,
तो वो जा करके घटोट कच से कहती है,
तुम मेरी युवराणी से मिलने आये हो,
तो इतने अस्तर शस्तर क्यों ले करके आये हो,
क्या तुम्हें हमारी युवराणी की हत्या करनी है,
जब कोई किसी से मिलने जाता है,
तो अक्सर मिठाई का डबबा,
फल,
फुरूट ले करके आता है,
और तुम तो यहाँ पर खड़ग,
तलवार,
धनुश,
बान ले करके आये हो,
तो तुम्हारे मन की बात कुछ विचित्र सी लग रही है,
ऐसा सुनते ही घटोटकच ने तुरंत अपने
सारे अस्त शस्त्र वही नीचे छोड़ दिये,
और वो
उस राक्षसी के साथ उपर चला गया,
अब उसके दोस्त भी, क्योंकि देखिये होता है न,
आजकल हम कहीं भी जायें,
तो अपने इश्ट मित्रों के साथ जाते हैं,
तो जैसे ही दोस्त आगे बढ़े,
उस राक्षसी ने रोक दिया कि तुम यहीं रुख जाओ,
केवल इस पुरुष को ही उपर बुलाया है,
अब यह बिचारे वो बोलते हैं न,
दिल के अर्मां आशुओं में भेगे,
दोस्त बिचारे नीचे खड़े रहे गए,
घटोतकच जी को उपर जाना पड़ा,
अब अकेले घटोतकच जी जाते हैं,
बड़े ही भव्य सिंघासन पर
मा मौर्वी देवी बैठी होती है, उन्हें देख करके
एक बार
इतना आनन्द घटोतकच के मुख पे आता है,
कि हे केशव,
तुमने मेरे लिए बहुत अच्छी लुगाई पसंद की है,
बड़ा आनन्�
वो जैसे कहते हैं ना फिल्म स्टार की तरह,
तो वैसे बड़ी सुन्दर थी मौर्वी देवी,
उन्हें देख करके इनका मन भी मोहित हो जाता है,
परन्तो क्यूंकि केशव का इनोंने स्मर्ण किया था,
वो अभ इनकी बुद्धी कोई साधरन बुद्धी नहीं थी,
वो असाधरैन बुद्धी हो गाई थी,
और उस बुद्धी के बल पर ये काम कन्टकाटा के पास जाते हैं,
और उससे एक ऐसा विचित्र सवाल पूछते हैं,
यह काम कंटकटा मैं आप से विभा करने आया हूँ
मैं भीम का पुत्र गटोटकच हूँ
अब जैसे ही कान में गटोटकच शब्द सुनाई दिया
मौरवी देवी को मा कामक्या याद आगई
कि मा कामक्या ने मुझे बताया था
कि गटोटकच ही तुम्हारा पती बनेगा
देखो पहले तो क्या था कि शक्तियां हुआ करती थी
पता चल जाता था कि कौन बनेगा मेरा पती
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