Nhạc sĩ: Shankar Sahney
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विश्व में आपको वीद सरूप भोले शंकर कोगरू प्रणाम।
दट्पिण्ड के रखवाले मेरे बाबा भोले भाले।
नील कंठ कैलाश पतीजी शिवजी सदा सहाए।
ओ नमशिवाए।
शिवकृपा से गुरू मिले और गुरू कृपा से गती मिले।
गती के साथ हो पुण्य की धारायंत काल सद गती मिले।
दट्पिण्ड के रखवाले मेरे बाबा भोले शिवजी सदा सहाए।
शिव कृपा से गुरू मिले और गुरू कृपा से गती मिले
गती के साथ हो पुण्य किधारा अंतकाल सद्धगती मिले
शंकर शंकर जपते जपते शंकर शंकर जपते जपते
निराकार शिव पाए � cried
नमस्यू पाए शिव जी सदा सहाए
शिव जी सदा सहाए।
जब तप योग पूजा ना जानू कैसे लगूगा बार प्रभू।
ओह माया की दीमक चाटे कैसे हो उधार प्रभू।
जब तप योग पूजा ना जानू कैसे लगूगा बार प्रभू।
ओह माया की दीमक चाटे कैसे हो उधार प्रभू।
एक आपकी पावन दृष्टि सारे कष्ट मिठाए। नमः शिवाए शिवजी सदा सहाए।
बाग के चड्म कवस्त्रिगल में। मुड़माला गंगासर पे। जिसपे शिव की कृपा बने। वो खुशियां पाए पन भर में।
बाग के चड्म कवस्त्रिगल में। मुड़माला गंगासर पे। जिसपे शिव की कृपा बने। वो खुशियां पाए पन भर में।
मुण्डमाला गंगा सर पे जिस पे शिव की गृपा होए वो खुशियां पाले बल्हर में
बस बाबा को धैया लो बाकी बस शिवजी को धैया लो बाकी छोड़ो सब उपाए
मुण्डमाला गंगा सर पे शिव की गृपा होए वो खुशियां पाले बस बस उपाए
विश्वे आपक्वेद सुरूप भोले शंकर को करूँ प्रणाम् बारंबार प्रणाम् प्रभू जो रखवाले आठो यायाँ
विश्वे आपक्वेद सुरूप भोले शंकर को करूँ प्रणाम् बारंबार प्रणाम् प्रभू जो रखवाले आठो यायाँ
काम देव को भस्म किया था, काम देव को भस्म किया था, तृष्णा दूर बगहाए, ओम नमः शिवाए, शिव जी सदा सहाए
ओम नमः शिवाए, शिव जी सदा सहाए