ĐĂNG NHẬP BẰNG MÃ QR Sử dụng ứng dụng NCT để quét mã QR Hướng dẫn quét mã
HOẶC Đăng nhập bằng mật khẩu
Vui lòng chọn “Xác nhận” trên ứng dụng NCT của bạn để hoàn thành việc đăng nhập
  • 1. Mở ứng dụng NCT
  • 2. Đăng nhập tài khoản NCT
  • 3. Chọn biểu tượng mã QR ở phía trên góc phải
  • 4. Tiến hành quét mã QR
Tiếp tục đăng nhập bằng mã QR
*Bạn đang ở web phiên bản desktop. Quay lại phiên bản dành cho mobilex

Gharwali Ke Hath Men

-

Đang Cập Nhật

Sorry, this content is currently not available in your country due to its copyright restriction.
You can choose other content. Thanks for your understanding.
Vui lòng đăng nhập trước khi thêm vào playlist!
Thêm bài hát vào playlist thành công

Thêm bài hát này vào danh sách Playlist

Bài hát gharwali ke hath men do ca sĩ thuộc thể loại Au My Khac. Tìm loi bai hat gharwali ke hath men - ngay trên Nhaccuatui. Nghe bài hát Gharwali Ke Hath Men chất lượng cao 320 kbps lossless miễn phí.
Ca khúc Gharwali Ke Hath Men do ca sĩ Đang Cập Nhật thể hiện, thuộc thể loại Âu Mỹ khác. Các bạn có thể nghe, download (tải nhạc) bài hát gharwali ke hath men mp3, playlist/album, MV/Video gharwali ke hath men miễn phí tại NhacCuaTui.com.

Lời bài hát: Gharwali Ke Hath Men

Lời đăng bởi: 86_15635588878_1671185229650

रो रहे थे सभी लेके बस हिच्किया
बाप भाई बहन सखियां हम जो लियां
दो सगी बहनों की ढोली उठनी लगी
दर्द से मम्ता की छाती फटनी लगी
माने रोकर कहा है मेरी बेटियो
हो रही हो विदाए मेरी बेटियो
तुम ही से हूं मुखातिब नहीं और से
सुनलो मा की नसीहत जरा गोर से
ये हकसन कोई कहानी सुनो
घर की घरवाली होती हेरानी सुनो
चाहे घर को बनाए चाहे घर को लुटाए
चाहे घर को बनाए चाहे घर को लुटाए
चाहे घर को बनाए चाहे घर को लुटाए
सब है घरवाली के हाथ में
सब है घरवाली के हाथ में
चाहे घर को बनाए चाहे घर को लुटाए
चाहे घर को बनाए चाहे घर को लुटाए
सब है घरवाली के हाथ में
रोती और सब को रोता हुआ चोड कर
चल पड़ी अपने अपने पिया के नगर
कुछ दिनों बाद सुस्राली से नाजमा
लिपती है मेरी चोटी बहन फातमा
कितने खत लिखे कितनी ही बेजी खबर
चाहे आ चाहे हम को बुला अपनी घर
तू ही आयी न चिठी ही तेरी ही बहन
बूल ही बैटी आपा को मेरी बहन
फातमा बोली शौहर से जाने करम
कब तक आखिर जबाब उनको देगे न हम
चलिये कलकता मिलने चले आपा से
लिख रहे हैं वो खत हमको एक अरसा से
कुछ जरूरी सा सामा लिये एक दिन
दोनों कलकता चल ही दिये एक दिन
देख कर ठाट उनका ये हैरान थे
पुखता घर घर में क्या क्यान सामान थे
फ्रिज, टीबी, पलंग, सोफा, मेज और चियर
एक नाकर इधर एक नाकर उधर
फात्मा वापस आई तो खामोश थी
बोला शोहर मैं शर्मिंदा तुम हो दुखी
घर में सामा नहीं तनपे जेवर नहीं
हम किसी तरह उनके बराबर नहीं
क्या करूँ मुझे को तनखवा है मिलती है कम
वरना खुशियों के बदले मैं देता नगम
फात्मा बोली सरताज ऐसा नहीं
और ही सोच में गुम हूं कीजे यकीं
धन, जेवर, नबंगना बढ़ा चाहिए
आप हैं तो मुझे और क्या चाहिए
लाप शिक्वा न लाए थोड में घर चलाए
सब हैं घरवारी के हाथ में
लाप शिक्वा न लाए थोड में घर चलाए
सब हैं घरवारी के हाथ में
या खुदा पहली तारीख आई जहां
लेके कागज कलम बैठा उसका मिया
लिखता है लिख के फिल काट देता है वो
ठक कर आखिर में सर धाम लेता है वो
फात्मा बोली हसके के किस्ता है क्या
बोला शोहर के सुनकर भी क्या फाइदा
बीबी बोली के मैं भी तो देखूं जरा
उसके हाथों से कागज कलम ले लिया
बोली सो जा ये सर दभाऊंगी मैं
आज से अपना घर खुद चलाऊंगी मैं
तीस दिन का खरच उसको मिलता रहा
और सलीते से घर उसका चलता रहा
बोला बस पर ही आफिस निकलता था मैं
पंधरा दिन पैदल ही चलता था मैं
या खुदा बीवी तो निकली नेमत बड़ी
उसके हाथों में दी तूने बरकत बड़ी
पूछा शौहर ने मैं जोड कर ठक गया
खरच कैसे चलाया बचा भी लिया
फातमा देर तक मुस्पुराती रही
फिर ये अपने मिया को बताती रही
छूटी दोबन को दी नौकरानी को दी
कपड़े धोती हूं बरतन हूं खुद माजती
थोड़ी थोड़ी कमी की हर एक चीज में
मा की बात आई अब मेरे तमहीत में
घर को जन्नत बनाए घर को दोधख बनाए
सब है घरवाली के हाथ में
घर को जन्नत बनाए घर को दोधख बनाए
सब है घरवाली के हाथ में
एक दिन फात्मा बोली जाने करम
हम किसी काबिल अब हो गए हैं इदर
हमने खाई है आपा की दावत कभी
कहिये तो हम भी दें उनको जहमत कभी
सुभो को रेल के दो थिकट लेते हैं
उनको लाने ये गलकता चल देते हैं
जैसे पहले हुए थे पशेमान ये
आज उससे देवादा हैं हैरान ये
क्यूंके राउनक थी घर में ना सामान थे
आपा और दूला भाई परेशान थे
आप असर को जुकाए खड़ी थी उधर
दूला भाई बताते रहे यूं इधर
नाज मा की बदौलत गई शान भी
घर है बंदक बिके घर के तामान भी
शान का वक्त जुटी देखाती रही
ये कमाई से जादा नुटाती रही
आज साउरत के चलते हैं नादार हम
सर से पातक हैं सागर करददार हम
लके छोटी बहन से वो रोनी लगी
मा की बातों से कुर्वान होनी लगी
उन ही लाई हूँ सारी मसीबत बहल
उन बेटी थी मा की नसीहत बहल
राज चाहे रचाए भीक चाहे मनाए
सब है घर्वान के हाथ में
राज चाहे रचाए भीक चाहे मनाए
सब है घर्वान के हाथ में

Đang tải...
Đang tải...
Đang tải...
Đang tải...