आज मूट बावे कुछ नहीं मानूग ये जान
कोनो हाल में देवाल तुहार फानब ये जान
आज मूट बावे कुछ नहीं मानूग ये जान
मन बावे चाहिएन तुहार पे प्यारी आईलबाद
लागे हुम राक पिटो वाईब घोरे भाता राईब
जब उसे आगात तुहार लागलबाद पगला भाईले तुहार पागलबाद
भाग भाग का रहित करते जीते अमर कोँछ बोले तीनी फेटे
होलाना सबार चुआत लारे आईलबाद
लागे हुम राक पिटो वाईब घोरे भाता राईब
चाहे पुछ हो जाई तुहारा से मिले तुहों खुस हमुजं खुसी से खीले
खुल के छोड़ बोला कोही के दाया ये बोली जुत का बीट भी नाया
आलम के याद तोता हाज या इलबा
लागे हम रक पिट वालिबा खोरे भाता नाइब