तार सोख वसेया बाहर सोख पाया
तार सोख वसेया बाहर सोख पाया
कहो नानक गुर मंतर दिर्डाया
कहो नानक गुर मंतर दिर्डाया
कहो नानक गुर मंतर दिर्डाया
तार सोख वसेया बाहर सोख पाया
तार सोख वसेया बाहर सोख पाया
उठत सुखिया बेटत सुखिया
पाउ नहीं लागे जाएं से बुझिया
उठत सुखिया बेटत सुखिया
पाउ नहीं लागे जाएं से बुझिया
तार सोख वसेया बाहर सोख पाया
राखा एक
हनारा स्वामी
सगल कटा का यंतर जामी
राखा एक हनारा स्वामी
सगल कटा का यंतर जामी
सगल कटा का यंतर जामी
सगल कटा का यंतर जामी
तार सोख वसेया बाहर सोख पाया
तार सोख वसेया बाहर सोख पाया
सोए अचिन्ता जागि अचिन्ता जाह कहा प्रब तू वर्तंता
सोए अचिन्ता जागि अचिन्ता जाह
कहा प्रब तू वर्तंता
तार सोख वसेया
बाहर सोख पाया
तार सोख वसेया बाहर सोख पाया
कहो नानक गोर मंतर दिर्डाया
तार सोख वसेया
बाहर सोख पाया
तार सोख वसेया
बाहर सोख पाया
बाहर सोख पाया
बाहर सोख पाया