जिसका भाँ मुझे इंतिजार आ गया जिसके लिए थी बेकरा रहा गया
जिसका भाँ मुझे इंतिजार आ गया जिसके लिए थी बेकरा रहा गया
फूल बिचाओंगी राहे सजाओंगी कंगना चंकाओंगी नाचुँँगी ढाओंगी प्यास बुझी मेरी प्यासी अख्योंगी घर आया सजन हंगडा डालूँगी
ओ घर आया सजन हंगडा डालूँगी
फूल बिचाओंगी
नाहे सजाओंगी
प्यास बुझी मेरे प्यासी अखियों की घर आया सजन भंगडा
ओ घर आया सजन भंगडा डालोंगी
ओ घर आया सजन भंगडा डालोंगी
कितनी हसी है धड़ी मिलन की आपों के सामने हैं सूरत सजन की
कितनी हसी है धड़ी मिलन की आपों के सामने हैं सूरत सजन की
धरती हुं मैं आज मारे खुशी के रुप ही न जाए कहीं दर्खन ये मन की
सुल पे समालोंगी तजरा लगाओंगी छूमर भी पहनोंगी सेज सजाओंगी
प्यास बुझी मेरी प्यास यक्कियों की घर आया सजन भंगडा
ओ घर आया सजन भंगडा डालोंगी
ओ घर आया सजन भंगडा डालोंगी
प्यासी जवानी चेहकने लगी है सुलकों में खुश्बू महकने लगी है
ओ प्यासी जवानी चेहकने लगी है सुलकों में खुश्बू महकने लगी है
फुट भी मेरे जलने लगे है आपों के सुलकी बहकने लगी है
तूपा जग़र
अर्मा खिलाओंगी धूमे मचाओंगी चश्न मनाओंगी प्यास पुछी मेरे प्यासी अग्गियों की घर आया सजन भंगडा
ओ घर आया सजन भंगडा डालोंगी जिसका था मुझे इंतजार आ गया जिसके लिए र्थी में करा रा गया
फूल बिचाओंगी नाहें सजाओंगी रंग ना छंकाओंगी नाचूंगी गाउंगी
प्यास पुछी मेरे प्यासी अग्गियों की घर आया
सजन भंगडा
ओ घर आया सजन भंगडा डालोंगी
प्यास पुछी मेरे प्यासी अग्गियों की घर आया