घन शाम तेरी बन से
घन शाम तेरी बन से पागल कर जाते हैं
घन शाम तेरी बन से पागल कर जाते हैं
घन शाम तेरी बन से पागल कर जाते हैं
घन शाम तेरी बन से
पागल कर जाते हैं
मुस्कान तेरी मोहन गायल कर जाती है
गनशाम तेरी बनसी पागल कर जाती है
मुस्कान तेरी बनसी पागल कर जाती है
सोने की होती तो क्या करते तुम मोहन
ये बास की होकर भी दुनिया को नचाती है
गनशाम तेरी बनसी
पागल कर जाती है
गनशाम तेरी बनसी
पागल कर जाती है
alleahi
तुम गोरे होते तो क्या कर जाते मोहन
तुम गोरे होते तो क्या कर जाते मोहन
तुम गोरे होते तो क्या कर जाते मोहन
तुम गोरे होते तो क्या कर जाते मोहन
तुम गोरे होते तो क्या कर जाते मोहन
तुम गोरे होते तो क्या कर जाते मोहन
कर जाते मोहन तुम गोरे होते तो क्या कर जाते मोहन
जब काले रंग पर ही दुनिया मर जाती है
घनशाम तेरी बन से पागल कर जाती है
दुख दर्दों को सहना बंसी ने सिखाया है
दुख दर्दों को सहना बंसी ने सिखाया है
दुख दर्दों को सहना
बंसी ने सिखाया है
दुख दर्दों को सहना बनसी ने सिखाया है
इसके छेद है सीने में पिर भी मुस्कुराती है
बनशाम तेरी बनसी पागल कर जाती है
गनशाम तेरी बनसी पागल कर जाती है
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