काटों पे चलके पाँके छालों से क्या गिला
माँगी थे खुद ही रात उजालों से क्या गिला
कहीं से माँग को लाओ के गं की रात कके
मेरा ही सौग मनाओ के गं की रात कके
मेरा ही सौग मनाओ के गं की रात कके
मैरा ही सौग मनाओ के गं की रात कके
करें ना पीछा मेरा जिन्दगी को समझा।
करें ना पीछा मेरा जिन्दगी को समझा।
करें ना पीछा मेरा जिन्दगी को समझा।
करें ना पीछा मेरा जिन्दगी को समझा।
करें ना पीछा मेरा जिन्दगी को समझा।
करें ना चारागर की जरूरत ना कुछ दवा की है।
करें ना चारागर की जरूरत ना कुछ दवा की है।
करें ना चारागर की जरूरत ना कुछ दवा की है।
करें ना चारागर की जरूरत ना कुछ दवा की है।
कहीं से मात कलाओ के गम की रात कठे
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