गमी दिल को इन आँखों से छलत चाना दिया सारे
गमी दिल को इन आँखों से छलत चाना दिया सारे
तडबना भी हमें आता है तडबाना भी आता है
किसी की आदमें जो जिन्दगी हमें गुजाने है
हमें वो जिन्दगे अपनी महावत से भी प्याने है
वो आए रूपर रूपर दासता नहीं सुनाएंगे
कुछ अच्छना दे जराएंगे कुछ अच्छना आसुमाएंगे
सरे महसी हमें तो शमा बन जाना भी आसा है
तडबाना भी हमें आता है तडबाना भी आसा है
दबे पाउं हमें आकर इसी का गुद गुदा देना
वो अपना रूद जमना और वो उनका मना लेना
वो मन झाकते है आज ती याजों की सिल मन से
बुला सकता है कैसे कोई वो अन्दास बच्चपन के
हमें भी करी कोई बातन को दोभरा ना भी आसा है