जुण्खेडा या गली गली लद्दी थिला मे गली गली लद्दी थिला
बिँच शहर भच्चो नकऽन ख़ण
अगली गली रत्न थी जामृ
मिलुवा जिताई नदर न रे गली गली रत्न थी जामृ
अगली गली रत्न थी जामृ
विदश्छर
॥ गुल्पुछे के किठे विले गत्ले, लगण बारी कुले धमरे जुधन्रया.
प्रोण प्रयाके दुपतलाई कोई नहीं
प्रोण प्रयाके दुपतलाई कोई नहीं
प्रोण प्रयाके दुपतलाई कोई नहीं
प्रोण प्रयाके दुपतलाई कोई नहीं
प्रोण प्रयाके दुपतलाई कोई नहीं
प्रोण प्रयाके दुपतलाई कोई नहीं
प्रोण प्रयाके दुपतलाई कोई नहीं
प्रोण प्रयाके दुपतलाई कोई नहीं
प्रोण प्रयाके दुपतलाई कोई नहीं
प्रोण प्रयाके दुपतलाई कोई नहीं
प्रोण प्रयाके दुपतलाई कोई नहीं