Nhạc sĩ: Radha Choudhary
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सजनों हमारी ये नई पीड़ी आज अपनी सब्दता को भूलकर पश्चमी सब्दता को अपना रही है
इस नई पीड़ी की मनोदसा को देखकर कवी ने चंद लाइनों के माध्यम से भला क्या लिख दिया
इस बात को लेकर क्या आ रही है राजा चोदरी बलोग
हो गए भूल सब्दतां अपनी
फैसन की चली बिमारी
हो घटने का काम नहीं से
दिन पे दिन बचा
दिन पे दिन बढ़ती जारी
हो गए भूल सब्दतां अपनी
फैसन की चली बिमारी
हो घटने का काम नहीं से
दिन पे दिन बढ़ती जारी
हो घटने का काम नहीं से
हो घटने का काम नहीं से
दिन पे दिन बढ़ती जारी
आज कती भूल के बैठे अपनी समरध विरासत
ये भेड चाल सी चलरी अपना रहे गंदी आदत
विसरा दी भारत माता रहे भूल हकीकत सारी
घटने का काम नहीं से दिन पे दिन बढ़ती
जारी भटने का काम नहीं से दिन पे दिन बढ़ती
जारी
अपनी भासा को भूले
सब यंग्रेजी में बोले
देसी पहनावा छोटा ये अर्ध नगन से ढोले
देसी पहनावा छोटा ये अर्ध नगन से ढोले
मन देख देख कर रोता
अपसोस होई बड़ा भारी
घटने का काम नहीं से दिन पे दिन बढ़ती जारी
घटने का काम नहीं से दिन पे दिन बढ़ती जारी
लड़का भी केस बढ़ा में
पाणों में डाले माली
मालूम देख करना हो ये लाला है या लाली
ओरत का भेज बना में
ओरत का भेज बना में
खुद कर रहे अपनी ख्वारी
भटने का काम नहीं से
दिन पे दिन बढ़ती जारी
भटने का काम नहीं से
दिन पे दिन बढ़ती जारी
लड़की भी कमती को न्या
रहना की कान सब खाली
अब कही दिखाई ना दे
धूंगे पे चोटी काली
सब चले एक लारे में
सब चले एक लारे में
चाहे वियाही हो या स्वारी
भटने का काम नहीं से
दिन पे दिन बढ़ती जारी
भटने का काम नहीं से
दिन पे दिन बढ़ती जारी
आखों पर काला चस्मा सिगरट के कस्मारे से
चले हात में हात डाल के कति बेसर मी धारे से
रो जाना दोस्त बदल के करें लड़का लड़की यारी
घटने का काम नहीं से दिन पे दिन बढ़ती जारी
लड़का लड़की संग मिलके
लड़का लड़की संग मिलके
फिर के डिसको की ताल पे मालिकी न सद्भूती दे
ला इनको सही चाल पे
कर जीते राम डागर क्या
है तेरी भी लाचारी
घटने का काम नहीं से दिन पे दिन बढ़ती जारी
घटने का काम नहीं से दिन पे दिन बढ़ती जारी
गए भूले सब का अपनी फैसन की चली बिमारी
घटने का काम नहीं से दिन पे दिन बढ़ती जारी
घटने का काम नहीं से दिन पे दिन बढ़ती जारी
घटने का काम नहीं से दिन पे दिन बढ़ती जारी
भटने का काम नहीं से दिन पे दिन बढ़ती जारी