बाप माहतारी छुटी हैं फंगी जंगाती
आई गैनी गोरिया
गवन माँके पाती आई गैनी गोरिया
बाप माहतारी छुटी हैं
फंगी जंगाती आई गैनी गोरिया
गवन माँके पाती आई गैनी गोरिया
सरीर रूपी सखी आत्मा रूपी दुलहें से कहा ताते भेया
गुन धंग नाही एको सिखलू सहुरवा कालेके जैबू तुँ अपने ससुरवा
गुन धंग नाही एको सिखलू सहुरवा कालेके जैबू तुँ अपने ससुरवा
आई गैनी गोरिया
गवन माँके पाती आई गैनी गोरिया
हर हर बसवाक डोलिया सजाई,
लाली चुनदरिया से होई बिदाई
हर हर बसवाक डोलिया सजाई,
लाली चुनदरिया से होई बिदाई
सब लोग कैनी हैं,
सब लोग कैनी हैं पथर एक छाती
आई गईनी गोरिया,
आई गईनी गोरिया
गवन मां के पाती,
आई गईनी गोरिया
गवन मां के पाती,
आई गईनी गोरिया
यारन संग खुब मजवा उडवलू,
कोरी चुनदरिया में दगिया लगवलू,
यारन संग खुब मजवा उडवलू,
कोरी चुनदरिया में दगिया लगवलू,
होी दहलू जिनगी के,
कुल दिन राती, आई गईनी गोरिया,
गवन मां के पाती,
आई गईनी गोरिया
अब ना बना इसे बनी एको बतिया
खौफ़ जब याद आई वही घड़ी रतिया
अब ना बना इसे बनी एको बतिया खौफ़ जब याद आई वही घड़ी रतिया
राकेश जल्बू जैसे दिय बिन बाती आई गईनी गोरिया
गवनवा के पाती आई गईनी गोरिया
बाप महतारी छुटी हैं संगी संगःती आई गईनी गोरिया
गवनवा के पाती आई गईनी गोरिया