आनन्द सानन्द बैबाग जानन्द।
आनन्द सानन्द बैबाग जानन्द।
करुवारती तेरी हे गोरिनंदन।
बिगन हड़ईया नूसक चढ़ईया।
करुवारती तेरी हे गोरिनंदन।
करुवारती तेरी हे गोरिनंदन।
करुवारती तेरी हे गोरिनंदन।
बिगन हड़ईया नूसक चढ़ईया।
सबके भी धाता करतिक भड़ाता वृद्धि भी ज्ञान सम्मृद्धि के दाता
सबके भी धाता करतिक भड़ाता वृद्धि भी ज्ञान सम्मृद्धि के दाता
बिगन बिनासत असुरों के सासत परुवर्तीते हे गोरि नंदन
बिगन बिनासत असुरों के सासत परुवर्तीते हे गोरि नंदन
बिगन बिनासत असुरों के सासत परुवर्तीते हे गोरि नंदन
बिगन बिनासत असुरों के सासत परुवर्तीते हे गोरि नंदन
बिगन बिनासत असुरों के सासत परुवर्तीते हे गोरि नंदन
बिगन