सावन
महीना में जिब से
अरजी लगावत कमरीया
बाबा भोलेनात पेरिदा
पर नजरिया आखे हो
गावनगर गली सहर जात माटा मेला दिल
हमरा उपागल हो
कमरीया बन के देवगर जाई बलम मन हमरा उलागल हो
कमरीया बन के देवगर जाई बलम मन हमरा उलागल हो
गावनगर गली सहर जात माटा मेला दिल हमरा उपागल हो
कमरीया बन के देवगर जाई बलम मन हमरा उलागल हो
कमरीया बन के देवगर जाई बलम मन हमरा उलागल हो
बोले नाथ जीके कुछे बंबं नारा पूड़े जवाल सातो बोले जैकारा
पूड़े जवाल सातो बोले जैकारा
लाइकें के जोस देखा तानी का नकामबा एना हुगे मिलत बाबा बोले के सहारा
लेखे देवगर जाई
सजन मन हमरा उलागल हो
बली बली बाल पीडा तली
नावा के कावर मन यब दना लो भावता जैसे लागे पिया सादू हमर के भुलावता
हमर के भुलावता
हमर के भुलावता
केतनो मनाई मन यब नाही माने बाबा भोले नात जीसे आरजी लगावता
आरजी लगावता हो आरजी लगावता
माने नाही पिया यब एक वहार कहना
मन नीद से जागल हो
कमरीया कमरीया
कमरीया लेके देवगर जाई बलम मन हमर लागल हो
कमरीया कमरीया लेके देवगर जाई बलम मन हमर लागल हो