जम्बुफल्चार्भक्षण। उमासुतम्शोकुविनाशिकारिकम्। नमामिविग्नेश्वर्पात्पंकजम्।
गुरुर्ब्रम्भा गुरुर्विष्ण। गुरुर्देवो महेश्वर्भ। गुरुः साक्षात परप्रम्भ। तस्मैई श्री गुरुवे नमः।
तू दाता दातार है।
सबसुख का भण्डा। लच्चा हमरी राखियो। ओ सामलशा सरकार।
एक बार प्रेम से मिलके गणेश जी महाराज का जयकार लगाईने।
बुलिये गजारन्द सरकार की।
तो गण नायक महराज। सुम्रा जोड्या दो न्यूहाँ।
गजारन्द महर करो।
गजारन्द महर करो।
गजारन्द महर करो।
गजारन्द महर करो।
गजारन्द महर करो।
आईये मिढी मिढी ताली बजाते वे बुलिये।
कि गण नायक महराज। सुम्रा जोड्या दो न्यूहाँ।
गजारन्द महर करो।
गजारन्द महर करो।
गजारन्द महर करो।
कण नायक महराज। सुम्रा जोड्या दो न्यूहाँ।
गजारन्द महर करो।
गजारन्द महर करो।
गजारन्द महर करो।
गजारन्द महर करो।
गजारन्द महर करो।
गजारन्द महर करो।
गजारन्द महर करो।
गजारन्द महर करो।
गजारन्द महर करो।
लम्बो धर रिद सिदिके दाता विगन मिठाने वाले
एक तन्त है दयावत है चार पुझाओं वाले
लम्बो धर रिद सिदिके दाता विगन मिठाने वाले
लाया मोतक भर भर धाल जीमो शिवगोरा के लाल
गजादत मेहर करो
गजादत मेहर करो
ओ गण्णायक महराज तुम्हारा दोड़ दोड़ वहाज
गजादत मेहर करो
गजादत मेहर करो
गजादत मेहर करो
गजादत मेहर करो
ग्जादत मेहर करो
गजादत मेहर करो
गजादत मेहर करो
गजादत मेहर करो
गजादत मेहर करो
अद्भुत तेरा रूप का जानन, अद्भुत तेरी माया, पात पिता की सेवा कर वर्दान अनोखा पाया।
अद्भुत तेरा रूप का जानन, अद्भुत तेरी माया, पात पिता की सेवा कर वर्दान अनोखा पाया।
वो बन गए वो में सिर्फौर, तुम बिन विन पिले लकोई आर।
वो बन गए वो में सिर्फौर, तुम बिन विन पिले लकोई आर।
पिले न कोई घोत कण्जानन्द मेहर करो
गजानन्द मेहर करो
गजानन्द मेहर करो
गजानन्द मेहर करो
गजानन्द मेहर करो
गढ़नायत महराज सुमराज छोड़या दो न्योहाद
गजानन्द मेहर करो
गजानन्द मेहर करो
गजानन्द मेहर करो
अगर किसी ने भूल आपको कारज कोई बनाया
बिगन हुआ कारज सब अटके कोई काम ना आया
बिगन हुआ कारज सब अटके कोई काम ना आया
अगर किसी ने भूल आपको कारज कोई बनाया
बिगन हुआ कारज सब अटके कोई काम ना आया
बिगन हुआ कारज सब अटके कोई काम ना आया
तुझसे हार गया संसार तेरी वहिवा अपनम्भार
तुझसे हार गया संसार तेरी वहिवा अपनम्भार
कजानत मेहर करो
कजानत मेहर करो
ओ..खणनायक महराज सुमराज दोडा दोट्योहार
कजानत मेहर करो
कजानत मेहर करो
कजानत मेहर करो
करो
नन्दो मिलकर भक्त शाम के तुमको प्रथब मनावे
परसे रंग कृपा का तेरी जब हम शामिर जावे
नन्दो मिलकर भक्त शाम के तुमको प्रथब मनावे
परसे रंग कृपा का तेरी जब हम शामिर जावे
वन्दन तेरा है गण्राज रखना शाम्बगत की लाज
जादन मिलकर भक्त शाम के तुमको प्रथब मनावे
गजानन्द महर करो
गजानन्द महर करो
गजानन्द महर करो
गजानन्द महर करो
गजानन्द महर करो
गजानन्द महर करो
गजानन्द महर करो
गजानन्द महर करो
प्रजानत मेहर करो प्रजानत मेहर करो
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