सनगे चले गे मोर मन जूड़ा
ते मन गे विलवादो भै जीतो
छल गँगा नहाई ले भे
जब गंगा नहाई ले भे
समक्या पर ज़िन्दा ज़िन्दा ज़िन्दा
वादा करके न पोई भुल जी हैं,
सनम धोखा न दे हैंगे
मन सोचला हाँ मन सपना तोईं पुरा कर दी हैं रे
तोरा साथ लेके हामें आज पहली बर जी बहीगे
हमरो दिल में है यही तमना तोर साथ निभई बही रे
मन के मिलवा धोईं जी तो जब गंगा नहाई ले बे
जब डूब की लगे बे गंगा में तो यापना अखिया मुदली हैं गे
मगर कैसे जे हमें नहाई बही तनी मोरा सिखाई दी है रे
मन के मिलवा धोईं जी तो जब गंगा नहाई ले बे