ओम् जैगंगे माता
मैया जैगंगे माता
जो नर तुमको ध्यावत जो नर तुमको ध्यावत मनु अन्छित पल पाता
ओम् जैगंगे माता
चंद्र सी जोती तुम्हारी जल निर्मल आता
मैया जल निर्मल आता
शरण पड़े जो तेरी
शरण पड़े जो तेरी
उत्र सगर के पारे सब जग को ग्याता
मैया सब जग को ग्याता
किर्पा ध्रिष्टि तुम्हारी किर्पा ध्रिष्टि तुम्हारी त्रिभुवन सुख दाता
ओम् जैगंगे माता
एक ही बार भी जो नर तेरी शरण
आता मैया तेरी शरण आता
यम की त्रास मिठा कर परमगती पाता ओम् जैगंगे माता
आरती मात
तुम्हारी जो जननित गाता
मैया जो जननित गाता
दास वही जो सहज में
दास वही जो सहज में मुक्ति को पाता
ओम् जैगंगे
माता
हूँज्य गंगे माता
मैया जैगंगे माता
जो नर तुमको ध्यावत,
जो नर तुमको ध्यावत,
मनवानचित पल पाता
ओम जैगंगे माता