दोस्त वेला लोगवा खाली और रात के
कहेले पीछे भागेली धान दोलात के
दोस्त वेला लोगवा
खाली और रात के
कहेले पीछे भागेली धान दोलात के
लोई के नई के सिता तो लोई को
कहारा मुबड़े
बसे कहीं भईल बदना मुबड़े
गलपी दोनों से होला
बसे कहीं भईल बदना मुबड़े
विश्वाद पर प्रावण के भेश में खोजे सीता जो
सराणी अख्या सोझा छोल करे रहे न तनी को पानी
नाम बद नाम को के गरत गलत काम बड़े
गलती दोनों से होला
बसे कहीं भईल बदना मुबड़े
कहा कहो को रोता इसके से मज़ाने समा लाग फिर को लोग कहे
लोग के पे आईसां
खाँखे हो को रोता इसके से मज़ाने समा
लाग फिर को लोग कहे लोग के पे आईसां
प्रीत में अलका को है जो लाके नाम बढ़े
प्रीत में अलका को है जो लाके नाम बढ़े
गलती दोनों से होला
बसे कहीं भईल बदना मुबड़े