काहे का न माना अकबाडू
का?
उसमे बुझा तु बाडू चुवला पकाहे बोला अकाना के रात बाड़े
बोला बोला धन का बात भाईले हो का भाईले हो
तो माया राजा जी भी बले ची आईले हो
तो बना ही तनी कोई राजा
दाया तो हदाये हो
ना हो
अइसे कहा है बोल परू
माप तो तो छोड़ा थिसी आई एही खाटी बाड़ू हमाप भुलाईले हो भुलाईले
हो भुलाईले हो तो माया राजा जी भी बले ची आईले हो तो बना ही
तनी कोई राजा दाया तो हदाये हो तो बना ही तनी
कोई राजा दाया तो हदाये हो तो बना ही तनी कोई राज
अच्छा
नी मन बे साल गोगो नाईखा तोहार चोलीया
तो प्यार है हो
बुलाईसे नाईपणा मराद के बुज़ता नी हो तोहार दराद के
के बरोहित पाठक बताईले हो
लेते लेते चुना ये राजा जी भी बली चीलाईने
हो तो बना ही तनी कोई राजा दाया तो हदाये हो