लागो ही बड़िया समाठक छाउडि धारा हो कौना जी लागे
अक़ी
बादार निगाई कर।
नाने तोर गटारी लागे रूप जान मारगे
पाला तोनी बाला ही लाओ नावादा बाजारगे
गाजब के मुस्की मारी के छवडी जरा वोहे हामर जी आगे
अगे गाला के तो राती लागे छवडी ले गे लाओ हामर दी लागे
तो राजाबद कियाओ मनमा चाहो हामर माद गे
दे दे खुना मरवा करवो राती आमे बाद गे
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