रोहित गडरिया जीतू गडरिया एंड मोहित गडरिया
तेरे सहर का कर दियू जाम इलाका कर सके ना कोई बाल भी बाका
ना जणा हमें कोई रोकने वाला छोरा पीतल ठोकने वाला
पेर ना धरके छाती पे देरी हलकी की सास ने रोक देऊ
रे गडरिया ते ना ढकरा वे तन साज ते पहले ठोक देऊ
गडरिया ते ना ढकरा वे तन साज ते पहले ठोक देऊ
अरे सुना तो होगा नाम गडरिया ये माती
बाल भी बाला होगा और गडरिया ते ना डकरा वे तन साज ते पहले ठोक देऊ
ये हिल्यके जीते हैं भरे भरे बजार में गोली चला दे ये अपनी टोर में जीते हैं
भरे भरे बजार में गोली चला दे ये अपनी टोर में जीते हैं
हम हैं दहकते अंगारे तन जलती आग में छोकते हूँ
रे गडरिया ते नह टकरावे तन साज ते पहले छोकते हूँ
गडरिया ते नह टकरावे तन साज ते पहले छोकते हूँ
मारे लिंग में डाकू चमबड के तेरी देखके
मेह फिल हलूँ
जागी और इसारा करेगा डरिया गोड़ी कहीं से बिचल जागी
तेरे जितने घर में बासन ना मैं इतने असला लोड़ देऊं
रे गड़रियां से ना तकरावें सणे साज ते पहले ठोक देऊं
गड़रियां से ना तकरावें सणे साज ते पहले ठोक देऊं
आरे मोहित गड़रिया की देख ढोर
तेरी मेठिले मागत दून
पांठे हट जागी
आरा जीतू गडरिया का देख रोले सारे सहर में भगदड मच जागी
आरा जीतू गडरिया का देख रोले सारे सहर में भगदड मच जागी
आरा रोहित गडरिया नाम मेरा मैं चलते सहर ने रोग देऊँ
रे गडरिया ते नाह टक्रावे तन साझ ते पहले ठोक देऊं
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