बगवा लहरारे हैं, गम्माते आरे हैं
बगवा लहरारे हैं, गम्माते आरे हैं
पगती ये बोले के दुम्मा सा ठारे हैं
बगवा लहरारे हैं,
गम्माते आरे हैं बगती ये बोले के दुम्मा सा ठारे हैं
बोले,
बोले, बोले
आगे हरिद्वार बोले हम गंगा जल उठाने
कुछ पैदल आये, कुछ डाक लाइं बोले तेरे दीवाने
पज़ दम दम डीजे बोले नाचे बगत निराले
हर जनम में हिंदू धरम मिले तनपूजे बोले प्यारे
तेरी महीमा तू ही जाने हम तो तेरे हैं साहारे
एक लुटे जल में खुश होवे तू डम डम डम रूवाले
पूछ ना कर पावे माया भी कुछ ना कर पावे
जब हात बोले का सर पैदल आये मौत भी तड़ जाओए
मरजी के मालिक हम छोरे अलबेले हैं
उसका कोई गुरू नहीं जिसके हम चेले हैं
सारे तनप्यारे हैं हरी दूआर जुआरे हैं
बाबा तिरा नाले के कावड हम ठारे हैं
बगवा लहरारे हैं गामा तै आरे हैं
बगती ये बोले के दुमा सा ठारे हैं
बगवा लहरारे हैं गामा तै आरे हैं
बगती ये बोले के दुमा सा ठारे हैं
चाल पड़े पापा हरी दूआर तै
नेक्स्ट मौर्निंग मुलाकातो वैगी गाम मैं