बोली रागवेंद्र सरकार भी
तो जिनके घर में पुस्तक हैं वो भी
और जो नहीं हैं कल जाके ले आईएगा
लाके रखना नहीं है
आप लोग श्नान करते हैं
जीवन में बहुत ब्यस्तता है
लेकिन कुछ समय निकालिये
किसके लिए? अपने लिए
जब तक जीवन रहेगा
फुर्सत ना होगी
काम से
जीवन जब तक रहेगा तब कामों से
हमें आपको फुर्सत नहीं मिलने वाली
कि मिलेगी
घर में दस लोग हैं तो भी उतना ही काम
और एक लोग हैं
तो समझ लो कि
भैइन
धर्में कोई है ही नहीं तो काम तो पढ़ेगा अ हुआ है और यह हमारे आपकी जीवन की व्यस्तता है
है और हम निरंत का क्वेश्चन है को कोई व्यस्तता कोई आर्थ नहीं निकलने वाला
अंत में सब छूटना है इसलिए साधक ने कहा कि जब तक जीवन रहेगा फुरसत नहोगा काम से
इसलिए कि कुछ समय ऐसा निकालो प्रेम करलो राम से
प्रेम करलो राम से
बोलिये रागवेंद्र सल्कार
प्रेम करलो राम से
कुछ समय निकालो और ये समय समय रहते ही निकालो
नहीं तो पता लगा कि उस समय समय निकालो जब तुम्हारे पास समय ही ना बचा हो
तब गडबड हो जाएगी
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