आहाहा ये मेरी ज़िन्देगी की कहानी
देखा जिन्देगी था सुख के ये सरावा
पैल डूदा तब घुटनों पे खरावा
खुला आखे जब इतना में बरावा
वो तो जिन्दा जिन्देगी मरावा
रोया में कोने परा दुनिया से हरावा
डरू में किस से हाँ खुद से में डरा हुआ
खाली दिमाग अब शब्दों से बढ़ा हुआ
ये मेरा गाना नहीं किस्मते हारा हुआ
जब में आगे चला रस्ता में भुला था
किस्मत ना पहुनर तराजों पे जुला था
सपना ज्यादा बरा आखी ना खुला था
सपना और किस्मत कुस्ता और रुला था
राहों पे बत्तर था पत्तर भी तोरा मैंने
जिन्देगी बत्तर था बिखरा था जोरा मैंने
जिमेदारी सर पर था सपने को छोरा मैंने
शीशे की हवेली पे मारा हथोरा मैंने
सौजा था सपनों का भागा बटोरा मैंने
चद्डर जितना था ज्यादा पैर फेला मैंने
जिन्देगी हसे मुँपे दुनिया से खेला मैंने
ना हारा ना जीता जेलना था जेला
मैंने खेली ये किस्मत का खेलना था खेला मैंने
ये अपना समय है क्या
उचा जाना आगे करना चराई है
थोड़ा जो पैर फिसला किनारे खाई है
जिन्देगी जंग और सपना है जीत यहा
सपने को जितना तो करना लराई है
छोटे मुटे ख्वाईशों से सपना ये बुना है
सपना भी सच होने ने आखों को चुना है
ममी का ख्वाब है कि इतना में बड़ा बनू
जमी पे खरा होके आस्मा को चुना है
बड़ा ये सपना लेके छोटा सा शुरुवात
तारे को चुने चला भूला में आकात
हकीकत जहर बना पीता में हर रात ये सोने नी देता
हकीकत को सप्ना और सप्ने को हकीकत होने नहीं देता
अधूरी सप्नों की दर्द बरा दिल में है
मर्द नहीं रोता बूलके रोने नहीं देता
आउकास से बाहर जाके नसीब से लरना है
आगे भी बरना है उपर भी चरना है
उंचाई से नहीं नीचे किरने से डरना है
करना है कुछ जो
खंदान की किसी ने अब तक ना किया
जिन्देगी को मैंने
जिन्देगी मुझको चुनोती दिया
ये वानबे रस्ते पे सीधा ही चलना
ना रुकना ना मुरना
ठान में लिया क्या
जिस का जिंदगी ठा सुक के ये सरा हुआ
पैल टूटा तब गुटनों पे खरा हुआ
खुला खी जब इतना में बरा हुआ
गो तू जिन्दा जिंदेगी मरा हुआ
रोया में कोणे परा दुनिया से हरा हुआ
डरू में किस से हाँ कुछ से में डरा हुआ
हाली दिमाग अब यी शब्दों से भड़ा हुआ
ये मेरा गाना नहीं किसमत ते हड़ा हुआ
हमें सुनसान रस्ते पे अखेला चला
पता नहीं आगी क्या है क्या मिलेगा
या खाली हाथ लौटना
तनहाई हाथ पक्रा या नसिब ने पक्रा गला
हमें सुनसान रस्ते पे अकेला चला
अंकन
पिस आउट