हेई, हेई, हेई, हेईएक, दो, ती, चाँमेरे सवालों की जबातुमने अभी दिये नहीं हैतेरे आदे अदूरे हिसातेरी लिखी वो फर्जी के ताकिसी नकशे पे खजाना हैजो हम पे ये छुपाना हैया बस पे ये बहाना हैजो सच्चे को छुपाना हैसड़कों पे करते शिकारघरे जंगल में खैली ये आगपिन गादी ना पलते हैकाम पिन गादी ना अरजी ना कामकिसी नकशे पे ले जाना हैजो बस पे ये सुनाना हैपर अपना ही सजाना हैजो सच्चे को छुपाना हैजो सच्चे को छुपाना हैधर्सी है बनते ये धर्सीनियत के खोटे ये चमड़ी के मोटेहक की कमाई है मिल के जो खाईऐसे के सुचारे तुलिखा है मैंने हिसाबदेखो बनता क्या आगे जन्ना