कभी तो
सोचो ये
कि जिन्दगी
कितनी हसीं
कभी तो
जानो ये
कि रासता
कठिन तो नहीं
वहां
बादलों में
लिख रहा है
कोई दासता
यहां
इस सर्जमीन पे
बस फरेब की कहानीयों
कभी तो
सोचो ये
जो खो गया
मिला था कभी
कभी तो
मानो ये
जो
पास है
बढ़ा तो नहीं
तो जब वह बादलों में
लिख रहा है
कोई दासता
यहां
इस सर्जमीन पे
बस फरेब की कहानीयों