आप सुन रहे हैं डीजे उमेज सुखी बूल
जड़ भाटे सखी जब से भागूल के महीना फटा तारे होट सखी हमारो रचीना
असो होली हम पाई से बिताएंगे अपना जीजा जी के होली में बुलाएंगे
अपनों गलियां पे रख लख बाएंगे
अपना जीजा जी के होली में बुलाएंगे अपनों गलियां पे रख लख बाएंगे
आप सुन रहे हैं
अपना जीजा जी के होली में बुलाएंगे
भर्या घरदा बाएंगे ता चोली भी सिल बाएंगे
जीजा जी के संगे अपना होली मनाएंगे
बोली मनाएंगे
बोली मनाएंगे
भर्या घरदा बाएंगे ता चोली भी सिल बाएंगे
जीजा जी के संगे अपना होली मनाएंगे
गरं गरं तूआ पूरी हाथे से खिलाएंगे
तू भाँतारी भी छान के फिलाएंगे
अपना जीजा जी के होली में बुलाएंगे
तूनों गॉलियों पे रंग लग बाएंगे
होली होली
अपना जीजा जी के होली में बुलाएंगे
तुनुगल यपे रंग लग दबाएंगे
आव सुन्दे है दीजे उमेज शुखी भू
देबा रूबी का सहारा जीज तो गुलाएंगे
तुना ही से चोली में रंग लग दबाएंगे
देबा रूबी का सहारा जीज तो गुलाएंगे
तुना ही से चोली में रंग लग दबाएंगे
ना रेस बला मुंग अच्छे चाली ना ही पाता
हा हा टूम टूम और लावाला को ना इता इसाएंगे
एक और ठीक
अपना जीजा जी के होली में बुलाएंगे तुनु गल्ली अपने रंग लगबाएंगे
एहो सोखी
गढ़ल बटे सक्षी जब से भागून के महीना भाटो टारे होते सक्षी हमारो रोचीना
हमारो रोचीना असो होली हम कोई से बिताएंगे
एहो सोखी
अपना जीजा जी के होली में बुलाएंगे तुनु गल्ली अपने रंग लगबाएंगे
होली होली