पाउन काहे मेला आया खाटो चलेंगे
वडमन目वन पाग्न महीणा, चलो चलेजीय मूरा लगेना
ऎक मरुल होता है,
प्यारी प्यारी,
सज रही खाटो कलीयारी
वडमन म़ीवन पाग्न महीणा, चलो चलेजीय मवरा लगेना
दितवाई है प्यारी प्यारी सज रही खाटू गल्यारी
भक्तों के संग भजनों के रंग शाम खोलेंगे
लाल गुलाबी हरा और नीला हर तरफ है, लाल
गुलाबी हरा और नीला हर तरफ है,
प्रश्याद प्रश्याद प्रश्याद
दोल मजीरा करता ले गीतों की होंगी बुछारे
प्रश्याद प्रश्याद दोल मजीरा करता ले गीतों की होंगी बुछारे
चेंगे सवरीया देख के वीना खोगी बवरीया
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