एते मिठा चहाणी रे
सगर निसा, निसा
एते मिठा चहाणी रे जदी जाहिब,
सतकु हरदया की छातिरे रहिब
हादीन राटी मते काही जूरु छाएते,
मन कथा केवे आशी कहीब मते
केवे तमे बुझीजीब,
हात धरी तानी नव,
निरवता भाँगीदे,
केवे कथा गपीजीब
केवे कुहो खोला खोली प्रेमचालीब,
एते मिठा चहाणी रे जदी जाहिब,
सतकु हरदया की छातिरे रहिब
भारी अभीमानी येही मना आजी चगले ओठा मोरा,
दुस्ता प्राजापती येही आजी भाबे,
उडिबा को एते काही लागुछी धारा
तमो खुझी तेही बाजी जानी की हारे,
एबे सी ना बुझुना हो बुझीब परे,
उठी सुनीब सुभे आमरी कथा,
केवे लाग
तमे गफो,
केवे कविता,
तमकु पाइबा, पाइबा गळा जी,
तमरी
प्रेमारे मुझे जाइची आजी,
केते आउ डरू थीब,
जाउ जाउ फेरू थीब,
जानी सुनी लुछी जाई,
धरा पुणी पडू थीब, केवे
कुहा तमे तमसी मघी,
एते मीठा चाहनी रे जदी जाईबा,
सतकुहा भुदया की छाती रे रहीबा,