राधा एकमीरा दोनोंने राधा एकमीरा दोनोंने
शामको चाहा अन्तर क्या दोनोंके चाहमे बोलो
अन्तर क्या दोनोंके चाहमे बोलो
एक प्रेम दिवानी एक दर्श दिवानी
एक प्रेम दिवानी एक दर्स दिवानी एक राधा एक मीरा दोनोंने शाम को चाहा
अंतर क्या दोनों के चाहमे बोलो एक प्रेम दिवानी एक दर्स दिवानी
राधा ने मधुबन में जून्दा मीरा ने बन में पाया
राधा जिसे हो बैखे बापविन्द मीरा आत विचाया
एक मूर्णे
एक मूर्णे
एक पाया एक पगले एक घाया
अंतर क्या दोनों के प्रीतमें बोलो
एक सूरत लोभानी एक मुरत लोभानी
एक सूरत लोभानी एक मुरत लोभानी
एक मुरत नुभानी एक मुरत लुभानी एक प्रेम दिवानी एक दर्स विवानी
मीरा के प्रभु गिरधर नागर राधा के मन मोहन
सागाम पढ़ा पढ़ाम परिमागा गर्सनि धारे देगाम गाम पम पदा पदासनि सरे
मीरा के प्रभु गिरधर नागर राधा के
मन मोहन राधा मित श्रिन्कार करे और मीरा बन गए जोगन
एक रानी एक दासे दोनो हरे प्रेम के प्यासे
अन्त राणी एक दासे दोनो जोगन एक डासे दोनो हरे अन्त राणी एक दासे
अन्तर क्या दोनों के तृति में बोलो, एक जीत ना मानी, एक हार ना मानी।
एक जीत ना मानी, एक हार ना मानी, एक राधा, एक मीरा, दोनों ने शाम को चाहा।
अन्तर क्या दोनों के तृति में बोलो, एक जीत ना मानी, एक हार ना मानी।
चाहा में बोलो, एक प्रेम दिवानी, एक दर्स दिवानी।
चाहा में बोलो, एक जीत ना मानी, एक हार ना मानी।