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के पाँच बरस की एके कन्नेया, मा के भुगरों बे जाये मा।के पाँच बरस की एके कन्नेया, मा के भुगरों बे जाये मा।के पाँच बे जाये मा, मा के भुगरों बे जाये मा।इसके लिए आपको सब्सक्राइब करना है, कमेंटर लाइक भी करना है, भाई लोग मेहनत करते हैं, कॉमेटी बनाते हैं, एच के चैनल पर डालते हैं, वो दो धन्वाद हैं, सुने आपकी, सुने आपकी।के पाँच बरस की एके कन्नेया, मा के भुगरों बे जाये मा।के पर कम्मा हाती जोर के मैया, के पर कम्मा हाती जोर के रै गई सीस लवाई मा।के पाँच बरस की एके कन्नेया, मा के भुगरों बे जाये मा।के पाँच बरस की एके कन्नेया, मा के भुगरों बे जाये मा।आप देखें आप, देखें आप, जैसे ही, सलो, जैसे ही भैया के मिरत्ती हो गई, तुब कन्नेया माता की तरबार में पोची,एक लोटा में गंगा जल ले, एक पाँपे ठाड़ी हो गई, एक पाँपे ठाड़ी हो के, देखो आपगय।एक पाउं पे ठाडी कन्या रो रो नीर बहाये वाँ एक तमोई भाईया तव निञ्या तू जो भाई पनावाएक पाउं पे ठाडी कन्या रो रो नीर बहाये वाँ एक तमोई भाईया तव निञ्या तू जो भाई पनावातू जे बनाला मैने गुर्भाईया तू जे बनाला मैने गुर्भाईया तो तुमने लोहे उठाये आँ कौच औरतू जे बनाला मैने गुर्भाईया तू॥तुमने लोहे उठाये माँ। पाँच बरसे की एक एक नन्यामा। बाके भुगनों में जाये माँ।पाँच बरसे की एक एक नन्यामा। बाके भुगनों में जाये माँ।आप देखें आप। आप देखो आप। माता से शकायत करनी के माँ।। अब देखो अपोली कन्या।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।आज की लाज रखो जगतारन जो तुखे का ले जाए माँजियत न जेहो तोरी मडिया सेमडियेई में प्राण का पाए माँपाँच बरस की एक गन्ने आमाँबागे बुझनोरे जाए माँपाँच बरस की एक गन्ने आमाँबागे बुझनोरे जाए माँपाँच बरस की एक गन्ने आमाँबागे बुझनोरे जाए माँबागे बुझनोरे जाए माँॐॐॐॐतो इतनी बात जब कन्या की सुनी, तो माता को तहल पहल गाँ, तो देखो अब तो माता ने का काम करे,के अष्ट भूझी धर रूप काल का कन्या लई उठाए, माता राणी ने अष्ट भूझी काल का को रूप धर के, वो कन्या को अपने कोद में उठाओ देखो,के अष्ट भूझी धर रूप काल का कन्या लई उठाए, माता पहाँत फेर बोली जगदंबा, कन्या क्यों घबराए,लड़की से बोली बिटा क्यों घबरारी काई, अरी पाँच बरस तक तें दोरगाहे, मोरो रूप समाओ माता ने काई कन्या से के बिटा,अरी पाँच साल तक तुम खुद दोरगाहो, पूरो जो हमा वन्स है, वो सब तुम्हाई भीतर है,अरी पाँच बरस तक तें दोरगाहे, मोरो रूप समाओ माता ने काई काई कन्या से के बिटा,कौन सी परिक्षा, आज परिक्षा लै है कन्या तोरी, तेने सांसो भाई बनाओ,आज काल दच्छालित आद्रि, गोर भाई बनाओद, गोर बेने बनाओद, अगर बेन के देवे तो भज्जा पाँच जाँद पज्जा जाने,जाँद पर गई, भज्जा पूरे रस्ते तोड़ दे, काई की बेन, काई की कोके रित के मा नहीं आई,लेकिन आज परिक्षा लै तोरी कन्या तेने सांसो भाई बनाओ मा,पाँच परस्ते की एक एक नया मा,माँ के भुगनों में जाये माँबाति बरसे की एक नन्ने आमामाँ के भुगनों में जाये माँमाँ के भुगनों में जाये माँमाँ के भुगनों में जाये माँमाँ के भुगनों में जाये माँरूप धर के वा कन्या मडिया से चली देखो अपने अपने भाईया की अंगना में पहुँची जहाँ भाईया की लास मिट्टी बली पढ़ी है।चले दे अव कन्या मडिया से भाईया की अंगना में पहुँची जहाँ भाईया की लास मिट्टी बली पढ़ी है।खाई फरूरी किरी अंगना में चल कैसे आपाये माँ।फाँच साल की कन्या एक लाख कोष पे गंगाजी हे।खाई फरूरी किरी अंगना में चल कैसे आपायेमाँ।लाख कोष पे हे गंगाजूँ।चलके से मगवाए माँ खाई पछार गिरी अंगला में सो चलके से आपाए माँपाँच वरसिकी एके खनन्यामा माँ के भूगरों में जाएमापाँच वरसिकी एके खनन्यामा माँ के भूगरों में जाएमापाँच वरसिकी एके खनन्यामा माँ के भूगरों में जाएमापाँच वरसिकी एके खनन्यामा माँ के भूगरों में जाएमाबन भे जाएबन भे जाएअब देखें आप अब वो लड़की पछार खाके अंगनामे कर जाती है कि एक लाग कुष्पन गंगाजी है कहां से जल्लाएं लेकिनसोमद्राएं का पुरुष्कार हमारे सोमद्री भईया सुजान सिहराजपूत्र उनकी तरफ से आये है भरुधनवातआई फरूरी जब कन्या खौं तुरगा रूप समाव चेसी कन्या के लाने फरूरी आई तुरगा प्रिवेश कन्या के अंदर कर गईछिङ्डी चीर लई चाकू से उपर लई उठा ले चिवन होई चिचीर लई छा� Ich Chernके उपर गृणा भद्द चीर लई चेट ये प्रकुष उस पर लई उठा ले ये ऩर छिणी चिर लई चाकू से फिर लई चीर लई फिर अधिक जर देखना प्रुणाअगर हमने सई प्रेम करो होई अपने भैया से सई भाई बना होई तो एक छिंगरी से खून की जगा से गंगा जी की धार बहा दो।तो खून को पानी पाव छिंगरी से भैया के मुख में समाओ मा।कर्निया ने अपनी छिंगरी चीर दई तो छिंगरी चीर दई तो कर्निया की छिंगरी से खून निया रहो गंगा जी की धार लगै।अरे खून को पानी पाव छिंगरी से भैया के मुख में समाओ मा।बचके भाईया जीवे तो उठके लिपटे गाउ पहना से लो रो नीर बहाया दो दो पाउ पिगे भोजीने भाईया चरण तबायातोरे कलस धरे मडिया में घी के दिया जलाये माँतोरे कलस धरे मडिया मेंभाईया के प्राण बच गएभाईया कहे पहनासुगना जो होती तो बिझरा में लेते बिठाये माँभोजी कहे ननदी सेंदर जो होती तो माँगो में लेती सजाये माँपाँचो परस कीपाँचो परस कीएके गन्नेयामाबाके भुगणों में जाये माँपाँचो परस कीएके गन्नेयामाबाके भुगणों में जाये माँ
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