कहानी जो ये यादों में जुड़ी
सफर थे कुछ अधूरे अधूरे थे वो राहों से जुड़ी
बेखलाल बेखबर हूँ आज भी वही खड़ा हूँ बीड मैं अकेला हूँ यहाँ
उगलिया ये फिर सिता हूँ आच लो मैं सर जखाओं जुड़नूओं से बाते हो जहाँ
वो तेरा मेरा बनाया एक जहाँ
एक जहाँ
एक जहाँ
एक जहाँ
एक जहाँ
एक जहाँ
एक जहाँ
मैं हूँ बस मैं हूँ समय का असर हूँ
साथ कर जा हूँ तेरे पास
तो राशनी पकड़ लूँ
पहाड़ों में समंदरों में झरने वाले रास्तों में
बारिशों में भीविता यहाँ
बेखयाल बेखवर हूँ आज भी वही खड़ा हूँ
जुड़नूओं से बाते हो जहाँ
वो तेरा मेरा बनाया
एक जहाँ
एक जहाँ
एक जहाँ
एक जहाँ
एक जहाँ
एक जहाँ
एक जहाँ
वो तेरा मेरा बनाया एक जहाँ