शिवर्षमान कोई दाता नहीं
मोरि विपत विदारणार
शिवर्षमान कोई
दाता नहीं मोरि विपत विदारणार
भबुल जा मुरी राखियों शिवनन्दी के अस्वा
एक बार स्री भोले भंडारी
बन कर ब्रज की नारी गोपुल में आ गए
आर्वती ने मना किया पर ना माने थी पुरारी गोपुल में आ गए
ओ गोपुल में आ गए
ओ मोरे भोले स्वामी
ओ मोरे भोले स्वामी
कैसे ले जाओ तुम राज में
भोहन के सिवा देखो पोजी न जाओ इस राज में
हाँशी करेगी ब्रज की नारी
हाँशी करेगी ब्रज की नारी मानो बात हमारी गोपुल में आ गए
होई होई गोपुल में आ गए
एक बार स्री भोले भंदारी बन कर ब्रज की नारी गोपुल में आ गए
ऐसा सजा दे मुझे को
ऐसा सजा दे मुझे को कोई जीन जाने इस राज को
सहरी है मेरी
ऐसा बताना ब्रज राज को
लगाती गज्रा बांध के साडी चाल चले मत वाली गोपुल में आ गए
एक बार स्री भोले भंदारी बन कर ब्रज की नारी गोपुल में आ गए
ऐसी बजारी बंसी
ऐसी बजारी बंसी
सुद बुद भूले भोले नात जी
सत्गजी जब सरसें सारी
सत्गईई जब सरसें सारी मुष्गुराई बनवारी गोपुल में आ गए
एक बार स्री भोले भंदारी बन कर ब्रज की नारी गोपुल में आ गए
ओ मोरे भोले श्वामी
ओ मोरे भोले श्वामी
तबी से हुआ पिंदाबन धाम जे
ओ मोरे भोले श्वामी
तबी से पड़ा गोपी श्वर नाम जे
पारा चंद हैं सरन तिहारी राखो लाजी हमारी गोपुल में आ गए
एक बार स्री भोले भंदारी बन कर ब्रज की
नारी गोपुल में आ गए हो रे गोपुल में आ गए
भारोवतीने मना किया फर ना माने थि
पुरारी गोपुल में आ गए हो रे गोपुल में।