पूरा साली उड़ी काई एस देली
जिन वादन ईद जहानेश
हलू पूझ के वदवस चल वेखा
ते ओ देवा देहान दियान
कोई ना आया एओ की सथर चागत आ
गत्या दाने दिनान
असाद दिन निबा छोड़ी
ओ बस ओ दिरांदे गुस्ता
सुकने पाँ चोला
ओ बड़ा ओखा लंगे आए
ओ सादा इद दादे ढोला
असी रहे रोने सारी हस्ती खुदाईवे
इद वाले देन खेरी हाथ बड़े आए
खिया उदी का तया होया ना दिदावे
खिया उदी का तया होया ना दिदावे
खिया उदी का तया होया ना दिदावे
असी रहे रोने सारी हस्ती खुदाईवे
इद वाले देन खेरी हाथ बड़े आए
सोने सूनी किन बागे निखावा मैं
की दुबारे कहे किन गाल नाल लामा मैं
निस्ती हार, निस्ती हार, नो शक्खाली पराईदे
इद वाले देन खेरी हाथ बड़े आएवे
निस्ती हार, निस्ती हार, नो शक्खाली पराईदे
इद वाले देन खेरी हाथ बड़े आएवे
माला मांगो रो, रो पैड़ी है किसाईवे
इद वाले देन खेरी हाथ बड़े आएवे
असनी रहे रोने सोरी हसती पुदाईवे
इद वाले देन खेरी हाथ बड़े आएवे
दे लिन मैं सोचिया सूलाऊ थे डंगे, इद वाले देन हर से भोकालंगी
किना जाले मुझ दाईवे, इद वाले देन तेरी आध बड़ी आए
असि रह गड़ों, तारी हस्ती पढ़ाईवे, इद वाले देन तेरी आध बड़ी आए
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